सीएम दौरा रद्दः अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

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मथुरा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को भव्य रुप देने के लिए की गई तैयारियां पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के निधन के साथ ही मुख्यमंत्री का कार्यक्रम निरस्त होने के बाद अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गयीं। जिससे रामलीला मैदान में अफरा तफरी का माहौल बना रहा। कलाकारों को अपना प्रदर्शन मंच के बजाय दर्शकों के बीच मैदान पर ही करनी पड़ा। देर सायं मंच पर कार्यक्रम को व्यवस्थित रुप से संचालित कराने का प्रयास किया गया।


उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस बार श्रीकृष्ण जन्म को महोत्सव के रुप के मनाते हुए देश विदेश तक पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर मथुरा में तैयारियों को अंजाम दिया गया था। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन के चलते जहां चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं महाविद्या कालोनी स्थित रामलीला मैदान को भी मुख्य कार्यक्रमों के लिए करोड़ों रुपए की लागत से भव्य रुप दिया गया था। एक तरफ पूरे देश के हजारों कलाकारों को आमंत्रित किया गया था। वहीं दूसरी तरफ रामलीला मैदान से लेकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान तक पूरे सड़क मार्ग को कालीन, तोरण द्वार आदि से सजाया गया था। जबकि पुलिस लाइन से लेकर टैंक चैराहा, स्टेट बैंक, भरतपुर गेट, डीग गेट, मसानी तिराहा, सरस्वती कुंड से लेकर रामलीला मैदान तक पुलिस प्रशासन द्वारा बेरीकेडिंग लगाकर जबरदस्त नाकेबंदी की गई थी। सभी मार्गों पर यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने की चाक चैबंद व्यवस्था की गई। लोग घरों में कैद होकर रह गए और जंक्शन रोड, डीग गेट, भरतपुर गेट, मसानी तिराहा आदि की दुकानें बंद थीं।


हजारों कलाकार सज धज कर रामलीला मैदान के पंडाल में तैयार बैठे थे। तो भाजपा नेता और वीआईपी भी रामलीला मैदान में सीएम योगी आदित्यनाथ का स्वागत करने के लिए डटे हुए थे। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी व्यवस्थाओं को देखने के लिए मैदान में और आसपास मौजूद थे। लेकिन दिल्ली स्थित एम्स में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के चलते सीएम योगी आदित्यनाथ का मथुरा कार्यक्रम दौरा रद्द हो गया। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली और रामलीला मैदान में होने वाले कार्यक्रमों की व्यवस्थाएं देखने के बजाय वहां से चलते बने। सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए गोविंदनगर से श्रीकृष्ण जन्मस्थान तक बिछाई गई कालीन का मार्ग आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। वहीं सीएम के न आने के चलते मंच पर भी अफरा तफरी फैल गई और लोग मंच पर चढ़कर सेल्फी लेते हुए दिखे। सीएम द्वारा रामलीला मैदान में कई सरकारी योजनाओं का लोकार्पण एवं शुभारंभ किया जाना था। इसके लिए वहां शिलापट्टिका भी लगाई गई थी लेकिन उनके न आने के चलते यह नहीं हो सका। सीएम का कार्यक्रम रद्द होने के बाद घरों में कैद लोग रामलीला मैदान की तरफ चल दिए।


बता दें कि सीएम के आने के कारण रामलीला मैदान में सिर्फ वीआईपी, भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों को ही आमंत्रित किया गया था। सिर्फ उनको ही मैदान के अंदर प्रवेश करने दिया गया जिनके पास आमंत्रण पत्र थे। लेकिन सीएम कार्यक्रम निरस्त होने के बाद सभी लोग रामलीला मैदान में पहुंचने लगे। जिन कलाकारों को मंच पर अपनी कला की प्रस्तुति देनी थी उन कलाकारों को खुले मैदान में दर्शकों के बीच ही उतार दिया गया। उन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन दर्शकों के बीच ही करनी पड़ी। इसमें अलग-अलग गु्रपों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम एक साथ पेश किए जा रहे थे। इसमें एक ओर मुंबई के 52 से अधिक कलाकार हांडी फोड़ का प्रदर्शन कर रहे थे। तो कोई गु्रप शिव बारात निकाल रहे थे। कोई गु्रप डांडिया नृत्य पेश कर रहा था तो कहीं राधाकृष्ण नृत्य हो रहा था। कहीं घोड़ा नृत्य तो कहीं मयूर नृत्य हो रहा था। इस तरह रामलीला मैदान में पूरी तरह अव्यवस्थाएं फैली नजर आईं। काफी देर बाद मंच से ऐलान करते हुए सभी कलाकारों को मंच पर बुलाया गया। इसके बाद व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने का प्रयास किया गया और कार्यक्रम थोड़े व्यवस्थित दिखाई दिए।
अव्यवस्थओं का आलम यह था कि वीआईपी लोगों के लिए पंडाल में रखी कुर्सियों को आम लोग उठाकर खुले मैदान में ले गई और उन पर चढ़कर कलाकारों का कार्यक्रम देखने लगी। मोबाइलों से फोटो खींचने लगे। तो काफी दर्शक कुर्सियों को उल्टा सीधा फेंक कर ही चल दिए। मंच पर हो रहे कार्यक्रमों को कोई भी दर्शक कुर्सी पर बैठकर आराम से देखना नहीं चाह रहा था। इससे काफी अव्यवस्थाएं रहीं।


सीएम का दौरा रद्द होने के कारण पुलिस बल भी आराम तलबी करते दिखे। अव्यवस्थाएं फैलने के बाद भी सुरक्षा कर्मियों ने इसे सही करने का प्रयास नहीं किया। वह भी आराम से कलाकारों के प्रदर्शन को देखते हुए नजर आए। देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत की गई। हालांकि इसमें खास बात यह रही कि कार्यक्रम शुरु होने से पहले ही वीआईपी रामलीला मैदान से नदारद हो गए।