विधानसभा चुनाव 2022ः मांट सीट से लड़ेंगे जयंत या चारू चौधरी?

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मथुरा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की गहमागहमी आरंभ होने के साथ ही मथुरा जनपद की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाला रालोद एक बार फिर अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए सक्रिय नजर आ रहा है। जिसमें सपा के सहयोग से जनपद की पांचों सीटों पर रालोद अपना कब्जा जमाने की जुगत में लगा है। इसके लिए मांट विधानसभा से स्वयं जयंत चौधरी अथवा उनकी पत्नी के चुनाव लड़ने की भी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता सक्रिय नजर आ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बसपा, कांग्रेस, सपा-रालोद एवं आम आदमी पार्टी भी चुनाव को लेकर खूब हाथ पैर मार रहे हैं लेकिन किसान आंदोलन के चलते पनपे असंतोष को देखते हुए जनपद की राजनीति में मुख्य मुकाबला भाजपा एवं रालोद के मध्य होता नजर आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि सपा-रालोद गठबंधन के कारण जनपद की पांच विधानसभा सीटों में से चार सीटों मांट, बलदेव, छाता एवं गोवर्धन विधानसभा सीटों पर रालोद अपनी मजबूत दावेदारी पेश करते हुए चुनाव तैयारी कर रहा है। वहीं जानकार सूत्र बताते हैं कि सपा द्वारा जनपद की 5 सीटों में से दो सीटों पर दावेदारी की जा रही है। जिसमें मथुरा-वृंदावन विधानसभा सीट पर अनिल अग्रवाल एवं मांट सीट पर सपा के एमएलसी संजय लाठर प्रत्याशी हो सकते हैं। संजय लाठर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काफी नजदीकी माने जाते हैं। रालोद के सहारे सपा जहां मथुरा जनपद में अपनी जमीन तलाश रही है। वहीं दूसरी तरफ रालोद जनपद की पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा को परास्त करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है।

इससे पूर्व वर्ष 2009 में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे थे। साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी रालोद का ही कब्जा था। साथ ही वर्ष 2012 में मांट विधानसभा क्षेत्र से राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पं. श्यामसुंदर शर्मा को परास्त कर जयंत चौधरी जीत दर्ज करा चुके हैं। छाता सीट से रालोद के ठा. तेजपाल सिंह विजयी रहे। साथ ही बलदेव विधानसभा सीट से रालोद के पूरन प्रकाश जीतने में सफल रहे। इस तरह उस समय तीन विधानसभा सीटों पर रालोद का कब्जा था। हालांकि जयंत चौधरी ने सांसद होने के कारण मांट विधानसभा सीट छोड़ दी। इसके बाद मांट में उपचुनाव हुए तो पं. श्यामसुंदर शर्मा एक बार फिर विजयी रहे और रालोद के प्रत्याशी योगेश नौहवार चुनाव हार गए। सपा के संजय लाठर तीसरे नंबर पर रहे थे।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी हेमामालिनी ने रालोद के जयंत चौधरी को हराया और सांसद बनीं। वर्ष 2016 के जिला पंचायत चुनाव में भी अधिक सदस्य न जीत पाने के कारण मजबूरन रालोद को भाजपा की प्रत्याशी चौ. लक्ष्मीनारायण की पत्नी ममता चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर समर्थन देना पड़ा। साथ ही वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में रालोद जनपद की पांचों सीटों पर चुनाव हार गई। उस समय भाजपा ने 4 सीटों पर और एक सीट पर बसपा ने जीत हासिल की थी। वर्ष 2021 के जिला पंचायत चुनाव में सर्वाधिक 13 जिला पंचायत सदस्य जीतने के बाद भी रालोद प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सिकरवार को भाजपा के प्रत्याशी चौ. किशन सिंह के समक्ष बुरी हार का सामना करना पड़ा।

जनपद की राजनीति से शून्य हो चुके रालोद एक बार फिर 2022 के विधानसभा चुनावों में किसान आंदोलन को संजीवनी मानकर चुनाव के लिए सक्रिय नजर आ रहा है। जिसमें 18 अक्टूबर को रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी मांट विधानसभा क्षेत्र के बाजना से चुनावी रैली का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। खास बात तो यह है कि 10 अक्टूबर को मांट क्षेत्र में ही उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी रैली को संबोधित करने वाले थे लेकिन लखीमपुर खीरी की घटना के बाद क्षेत्रीय किसानों के विरोध को देखते हुए अपनी रैली को निरस्त करना पड़ा लेकिन 18 अक्टूबर को होने वाली रालोद कीआर्शीवाद पद यात्रा रैली को लेकर किसानों और रालोद कार्यकर्ताओं में जोश नजर आ रहा है। मांट विधानसभा सीट से 2 बार हार का सामना देख चुके योगेश नौहवार जहां अपनी मजबूत दावेदारी कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सपा के एमएलसी डॉ. संजय लाठर भी बीते काफी समय से अपनी जमीन मजबूत करने में जुटे हैं लेकिन सपा-रालोद गठबंधन के चलते इस सीट पर रालोद के सक्रिय होने के बाद सपा के दावेदार संजय लाठर की सक्रियता कुछ समय से कम नजर आ रही है।

रालोद से जुड़े सूत्रों की मानें तो 2022 के चुनाव में जनपद की पांचों सीटों पर सपा-रालोद के गठबंधन की विजय पताका फहराने के लिए पूरा दारोमदार जयंत चौधरी के कंधों पर टिका हुआ है। इसके लिए जयंत चौधरी जनपद की राजनीति में काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। मांट क्षेत्र के कार्यकर्ता जयंत चौधरी से स्वयं चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं, उनके चुनाव न लड़ने पर उनकी पत्नी चारू चौधरी को चुनावी मैदान में उतारे जाने की मांग भी लगातार जोर पकड़ रही है। इसके चलते क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि मांट सीट से जयंत चौधरी अथवा उनकी पत्नी चारू चौधरी चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं एक चर्चा यह भी है कि सपा इस सीट को संजय लाठर के लिए मांग रही है जबकि रालोद भी सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति में यदि योगेश नौहवार अथवा कोई अन्य प्रत्याशी चुनाव लड़ता है तो सपा संजय लाठर के लिए अड़ सकती है लेकिन यदि जयंत चौधरी अथवा उनकी पत्नी यहां से चुनाव लड़ते हैं तो सपा उनके लिए सीट छोड़ सकती है। यही कारण है कि यहां से जयंत अथवा उनकी पत्नी चारू के चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हैं। हालांकि टीवी चैनलों और अन्य मीडिया को दिए गए साक्षात्कारों में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी स्वयं विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं लेकिन यदि मांट विधानसभा से जयंत चौधरी अथवा उनकी पत्नी चारू चौधरी चुनाव लड़ती हैं तो निश्चित तौर पर जनपद की अन्य सीटों पर रालोद के पक्ष में माहौल बन सकता है और रालोद के प्रत्याशियों की स्थिति मजबूत हो सकती है।

हालांकि रालोद के स्थानीय नेताओं की मानें तो यदि जयंत चौधरी विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो वह छपरौली या बागपत विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे क्योंकि वह उनका पैतृक गढ़ है। अब मथुरा की मांट विधानसभा सीट से जयंत चौधरी अथवा उनकी पत्नी चारू चौधरी चुनाव लड़ पाएंगे अथवा नहीं यह तो भविष्य में ही पता चलेगा लेकिन 18 अक्टूबर को बाजना के मोरकी इंटर कालेज में होने वाली आर्शीवाद पद यात्रा रैली को लेकर रालोद नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश नजर आ रहा है। इस संबंध में जयंत चौधरी से संपर्क किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

शिखर से शून्य पर आ गया “चौधरी” परिवार