लाॅकडाउन का खेलः जय गुरूदेव आश्रम पर हो रहा अवैध निर्माण

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मथुरा। कोरोना वायरस के चलते जहां लाॅकडाउन व्यापारियों एवं आम जनता के लिये अभिशाप साबित हो रहा है वहीं पुलिस-प्रशासन के लिये यह वरदान साबित हो रहा है इसका नजारा जयगुरूदेव मन्दिर के पीछे बनी समाधि पर हाईकोर्ट की रोक के बावजूद भी धड़ल्ले से चल रहे निर्माण कार्य से दिखा जा सकता है। जिसकी शिकायत डीएम सहित उच्च अधिकारियों से किये जाने के बावजूद भी निर्माण कार्य पर रोक नहीं लग पा रही है।
‘‘दामोदर बैठे रहें, दाम करें सब काम’’ की पंक्तियां लाॅकडाउन में सटीक चरितार्थ हो रही हैं। एक तरफ देवी-देवताओं के मन्दिरों पर ताले लटके हुए हैं। फैक्ट्री, कारखाने, बाजार, कारोबार बन्द पड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन के संरक्षण में अवैध कारोबार ही नहीं अवैध निर्माण कार्यों का खेल भी बेरोक-टोक चल रहा है। जयगुरूदेव आश्रम से जुड़े लीलाधर पुत्र राधेश्याम निवासी माहौली ने जिलाधिकारी सहित उच्च अधिकारियों को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि उसकी जनहित याचिका संख्या 27552/2017 पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने पट्टे की जमीन पर हो रहे अवैध निमार्ण पर 20 जून 2017 को रोक लगा दी थी। जिसमें निर्माण कार्यों पर काफी शिकायतों के बाद रोक लग सकी थी।

शिकायत में आरोप लगाया है कि संस्था के कथित पदाधिकारियों द्वारा लाॅकडाउन में उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर पर्दे के पीछे से पुलिस संरक्षण में एक सप्ताह से अज्ञात मजदूरों द्वारा निर्माण कार्य लगातार कराया जा रहा है। संस्था से जुड़े शैलेन्द्र सिंह चैहान ने आरोप लगाया है कि उन्होंने भी निर्माण कार्य को रूकवाने के लिये हाइवे थाना प्रभारी को तीन बार अवगत कराया है। इसके बावजूद भी निर्माण कार्य चल रहा है। श्री चैहान का कहना है कि मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण द्वारा निर्माण कार्य को पूर्व में अवैध घोषित कर तोड़ने के आदेश दिये जा चुके हैं। लेकिन प्रशासन अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के स्थान पर उसे निर्माण कराने में जुटा है। वह कहते हैं कि पुलिस-प्रशासन लाॅकडाउन के नाम पर अवैध कार्यों को अंजाम दे रहा है। जिसपर तत्काल रोक लगाकर सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। अगर प्रशासन ने तत्काल अवैद्य निर्माण पर तत्काल रेक नहीं लगाई तो वह उच्च न्यायालय में जाने पर मजबूर होंगे।