अपने भक्तों को काम, क्रोध, मद, लोभ से दूर रहने का सन्देश देने वाले विश्व विख्यात भागवताचार्य एवं शान्तिदूत ठा. देवकी नन्दन महाराज ‘‘मीडिया गैंग’’ और अपनों के चक्रव्यूह में ऐसे घिरे हैं कि उनका दिन का चैन और रातों की नींद उड़ गई है। जिनका भविष्य जहां अब भगवान भरोसे पर नहीं कानून की उम्मीदों पर टिका हुआ है। वहीं दूसरी तरफ ठाकुर महाराज के भाई ने परिवार की छवि खराब करने वाले पत्रकार और उसकी पत्नी के विरूद्ध सवा करोड़ रुपये की चौथ वसूली का मामला दर्ज कराने के बाद मीडिया जगत में भी हड़कम्प मचा हुआ है।
मथुरा जनपद के थाना सुरीर के छोटे से गांव ओहावा निवासी देवकी नन्दन शर्मा ने करीब दो दशक पूर्व गांव की गली चैपालों से कथा-कीर्तन की पगडंडी पर ऐसा पैर रखा कि फिर कभी उन्होंने गांव की तरफ पीछे मुड़कर नहीं देखा,और धर्म के रथ पर ऐसे सवार हुए कि वह सात समन्दर पार भी भक्तों के दिलों में जाकर बस गये। शोहरत के साथ दौलत की ऐसी वर्षा हुई कि देवकीनन्दन महाराज ने अपने तीन अन्य भाइयों को भी आश्रम सहित अन्य व्यवस्थाओं को संभालने के लिये अपने साथ जोड़ लिया बल्कि अपनी पत्नी को ग्राम प्रधान का ताज पहना दिया। धर्म के कारोबार ने ऐसी उड़ान भरी की वर्ष 2016 में आयोजित प्रियाकान्तजू के भव्य कार्यक्रम कराया तो विपक्षी धर्म गुरूओं की नींद तो उड़ी ही बल्कि देवकी नन्दन के गुरूजी के दिल की धड़कने बढ़ गई। वहीं दूसरी तरफ भागवताचार्य ने राजनीति की सीढ़िया चढ़ने के लिये एससी-एसटी एक्ट को लेकर 5 सितम्बर 2018 को विप्रकुम्भ का वृन्दावन में आयोजन कर जहां केन्द्र सरकार की नींद उड़ा दी बल्कि धर्म-जाति के कथित धुरन्धरों का सुकून भी उड़ा दिया।
सूत्र बताते हैं कि भागवताचार्य द्वारा वृन्दावन से लगाई गई चिंगारी से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान की भाजपा सरकारें तो चली गईं तो वह केन्द्र सरकार की आंखों में भी खटकने लगे। उ.प्र. के सन्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तापमान भी ऊँचाईयों पर पहुंच गया। हालांकि इस तापमान को देखकर ठा. देवकीनन्दन के तेवर तो ढ़ीले हो गये। लेकिन सरकार और अपनों की आंखों में खटके भागवताचार्य के गुरूजी ने देवकीनन्दन के खिलाफ सोशल मीडिया पर जहर उगलना शुरू कर दिया। जिसे ‘‘मीडिया गैंग’’ ने आधार बनाकर आंख दिखाना शुरू किया तो भागवताचार्य को लाखों की दक्षिणा देने पर मजबूर होना पड़ा। जिससे गुरूजी तो शिष्य की दक्षिणा पाकर मौन हो गये लेकिन ‘‘मीडिया गैंग’’ ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिये।
मीडिया गैंग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि करीब 5-6 वर्ष पूर्व हरियाणा की रेवाड़ी निवासी युवती वृन्दावन गुरू-दक्षिणा लेने आयी। युवती की भागवताचार्य के भाई श्यामसुन्दर शर्मा से नजदीकी बढ़ी तो उन्होने युवती का एडमीशन भी उसकी इच्छानुसार मथुरा के एक काॅलेज में करा दिया । बल्कि उसे रहने के लिये एक फ्लेट भी उपलब्ध करा दिया गया ।
आरोप है कि श्यामसुन्दर का युवती के पास आना-जाना लगा रहा ओर फेसबुक-वाट्सअप पर चैटिंग का खेल भी चलता रहा है। दोनों की नजदीकियों की जानकारी श्यामसुन्दर के एक विश्वासपात्र ने ‘‘मीडिया गैंग’ को दे दी। जिसमें ‘‘मीडिया गैंग’’ के मुखिया ने अपनी पत्नी को आगे कर युवती से नजदीकियां बढ़ाकर दोस्ती कर ली और युवती को ऊँचे स्वप्न दिखाकर उसे श्यामसुन्दर से नजदीकी का लाभ उठाने के लिये अपने प्लाॅन में शामिल कर लिया । बाद में‘‘मीडिया गैंग’’ ने वाट्सअप-फेसबुक की चेटिंग एवं युवती के आरापों की वीडियो काॅल के आधार पर भागवताचार्य के भाई श्याम सुन्दर शर्मा को ब्लैकमेल करने का खेल शुरू कर दिया। इसको लेकर मीडिया गैंग के मुख्य आरोपी ने भागवताचार्य के आश्रम से जुड़े गजेन्द्र सिंह को युवती के बाईट की ओडियो-वीडियो दिखाकर ब्लैकमेलिंग का दवाब बनाया ।
घटनाक्रम से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पिछले करीब 6 माह के दौरान ‘‘मीडिया गैंग’’ गजेन्द्र के माध्यम से किस्तों में कई लाख की वसूली कर चुका था। वसूली का सिलसिला लगातार बढ़ता गया जिसमें समझौते की राशि के रूप में तीन फ्लैट एवं नगद धनराशि की मांग मीडिया गैंग द्वारा की गई। जिससे दोनों के मध्य तना-तनी की स्थिति उत्पन्न हो गई। सूत्र बताते हैं कि भागवताचार्य के भाइयों ने युवती से सम्पर्क साधा तो वह बैकपुट पर आ गई और उसने एक वीडियो रिकाॅर्डिंग ‘‘मीडिया गैंग’’ के खिलाफ बनाकर उनके हवाले कर दी। बताते हैं कि उक्त वीडियो के आधार पर वृन्दावन कोतवाली में ‘‘मीडिया गैंग’’ के खिलाफ 22-23 फरवरी 2020 को मुकद्मा दर्ज कराने की प्लानिंग थी ,लेकिन 2 मार्च से होने वाली ठाकुर जी की कथा को देखते हुए रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी गयी ।
इधर जब इसकी जानकारी ‘‘मीडिया गैंग’’ को हुई तो उंसके मुखिया ने आश्रम के प्रबंधक गजेन्द्र सिंह से कहा कि अगर जल्द उसकी मांगे पूरी नही की तो युवती के आरोपों की वीडियो एवं चैटिंग कथा से पूर्व वायरल कर ठाकुर सहित तुम्हें मिट्टी में मिला मिला दिया जाएगा, सूत्र बताते हैं कि कथा को देखते हुए पुनः बातचीत का सिल-सिला गजेन्द्र के माध्यम से हाइवे स्थित ‘‘राधा वैली’’ में शुरू हुआ। जिसमें चर्चा है कि ‘‘मीडिया गैंग’’ के मुखिया से झगड़ा हुआ उसकी कथित पत्नी ने भी गजेन्द्र की पिटाई कर डाली। मामले को हाथ से निकलते देख पत्रकार पुष्पेन्द्र आर्य पुत्र चन्द्रपाल सिंह निवासी राधावैली ने थाना हाइवे में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि रेवाड़ी हरियाणा निवासी युवती ने श्याम सुन्दर पुत्र राजवीर शर्मा निवासी शान्ति सेवाधाम वृन्दावन पर यौन शोषण, अश्लील चैटिंग, आपत्तिजनक वीडियो बनाने के आरोपों की वीडियो बाइट 14 दिसम्बर 2019 को दी थी।जिसकी जानकारी भागवताचार्य उनके दोनों भाई विजय शर्मा, श्याम सुन्दर शर्मा को हुई तो उन्होंने अपनी छवि धूमिल होने का हवाला देकर खबर को नहीं चलने दिया। बल्कि रजिंश भी मनाने लगे। जिसके कारण 24 फरवरी को तीनों भाई के साथ धर्मेन्द्र, अमित, गजेन्द्र घर में घुस आये और मारपीट करते हुए जाति-सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए पत्नी से भी अश्लीलता की।
27 फरवरी को थाना हाइवे में विश्व विख्यात भागवताचार्य देवकीनन्दन ठाकुर सहित दो भाईयों के साथ तीन अन्य स्टाफ कर्मियों के विरूद्ध एससी-एसटी एक्ट, छेड़छाड़, मारपीट का मामला दर्ज होने के बाद देश-विदेश में चर्चा का विषय बना हुआ था, कि भागवताचार्य के भाई पर अश्लीलता, यौन शोषण का आरोप लगाने वाली युवती ने 1 मार्च को वृन्दावन कोतवाली में पत्रकार पी.के. आर्या उसकी पत्नी नम्रता वाष्र्णेय, एक अन्य अज्ञात पत्रकार के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि पी.के. आर्या की पत्नी नम्रता ने फेसबुक के माध्यम से दोस्ती की । इसके बाद नहाते समय नवम्बर 2019 में वीडियो बनाकर उन्हें प्रसारित करने के नाम पर गरूण गोविन्द मंदिर के पास कार में बैठाकर 4 अन्य लोगों ने श्याम सुन्दर शर्मा के खिलाफ उससे आरोप लगवाकर एक-सवा करोड़ की वसूली एवं छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
अभी यह मामला पुलिस प्रशासन की जांच में उलझा हुआ था कि देवकीनन्दन के भाई विजय शर्मा ने वृन्दावन कोतवाली में पत्रकार पीके आर्य और उसकी पत्नी नम्रता वाष्र्णेय के खिलाफ बड़े भाई श्याम सुन्दर शर्मा को हरियाण की युवती के माध्यम से घिनौने आरोप लगाकर सवा करोड़ रुपये की चौथ वसूली के लिये ब्लैकमेल करने की रिपोर्ट करायी है। रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी 2020 के प्रथम सप्ताह में पत्रकार पी.के. आर्य ने संस्था के मेनेजर गजेन्द्र सिंह को फोन कर युवती की वीडियो बाइट के झूठे आरोपों का आधार बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। मना करने पर पत्रकार और उसकी पत्नी ने अपने साथ भाई श्यामसुन्दर द्वारा छेड़छाड़ किये जाने की झूठी रिपोर्ट करने की धमकी देना शुरू कर दिया। जिसमें पत्रकार और उसकी पत्नी सवा करोड़ रुपये की चौथ की मांग करते हुए यह धमकी दी कि या तो जल्द से जल्द सवा करोड़ रुपये दे दो नहीं तो तुम्हारे परिवार के विरूद्ध एससी/एसटी एक्ट के इतने झूठे केस दर्ज करायेंगे कि सभी की जिंदगी जेल में बीतेगी और तुम्हारी सारी इज्जत धूल में मिल जायेगी। रिपोर्ट के साथ चौथ वसूली के तथ्य भी प्रस्तुत किये गये हैं।
कथित युवती और भागवता चार्य देवकी नन्दन ठाकुर के भाई विजय शर्मा की रिपोर्ट के बाद भागवताचार्य प्रकरण में नया मोड़ आ गया। बल्कि ये भी सामने आ गया कि पर्दे के पीछे के खेल को भुनाने के लिये ‘‘मीडिया गैंग’’ के आधा दर्जन सदस्यों ने युवती को मोहरा बनाकर करोड़ों की राशि वसूलने का चक्रव्यूह रचा। जिसमें करीब 20 से 25 लाख की राशि ‘‘मीडिया गैंग’’ वसूलने में सफल भी रहा। सूत्र बताते हैं कि भागवताचार्य को घेरने वाले ‘‘मीडिया गैंग’’ को कई कथित धर्माचार्य, भागवताचार्य, सन्त महन्तों का भी संरक्षण प्राप्त है। भागवताचार्य के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने के पीछे भी वृन्दावन के कई सन्त-महन्तों, भागवताचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। घटना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि संघ-भाजपा हाईकमान से नजदीकी रखने वाले एक सन्त ने भी रिपोर्ट दर्ज कराने में महत्वपूर्ण पटकथा लिखी है।
खास बात तो यह है कि हजारों की संख्या में वृन्दावन में निवास करने वाले धर्म के छोटे-बड़े मठाधीश जो आये दिन छोटे- छोटे मामलों को लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक देते हैं वो खामोश हैं,बल्कि विप्र समाज से जुड़े दर्जनों संगठन भी चुप्पी साधे हुए हैं। इस सम्बंध में ‘विषबाण’ ने अनेक प्रमुख सन्त- महंतों से सम्पर्क किया,जिसमे गोविन्द मठ के महन्त गोविन्दा नन्द तीर्थ महाराज ने ‘‘विषबाण’’ से बातचीत में कहा कि उन्हें प्रकरण की पूरी जानकारी नहीं है। लेकिन शासन-प्रशासन को उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त कार्यवाही करनी चाहिये। धर्मरक्षा संघ के राष्ट्रीय प्रभारी एवं काशी विद्धत परिषद पश्चिम भारत के अध्यक्ष कार्षि्ण नागेंद्र महाराज का कहना है कि वह कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण मामले की जानकारी नहीं कर पाये हैं। लेकिन पुलिस-प्रशासन को निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए ,उन्होंने कहा कि किसी भी निर्दोश सन्त-महन्त, भागवताचार्य का उत्पीड़न नहीं होने दिया जायेगा। महामण्डलेश्वर नवलगिरी महाराज का कहना है धर्म नगरी के सन्त-महन्तों भागवताचार्यों को इस मामले में आगे आना चाहिये। जिससे धर्म संस्कृति की रक्षा हो सके। कोई भी दोषी बख्सा नहीं जाना चाहिये। सन्त, महन्तों, भागवता चार्यों को आपसी मतभेद दूर कर गलत लोगों को बे-नकाब करना चाहिये।
भगवान के नहीं अब कानून के भरोसे ठाकुर देवकीनन्दन
देश-विदेश में सनातन धर्म का सन्देश देने वाले देवकीनन्दन ठाकुर ‘‘मीडिया गैंग’’ और अपनो के द्वारा रचे गये चक्रव्यूह को तोड़ पायेंगे या नही ये तो वक्त तय करेगा। लेकिन भगवान के भरोसे रहने वाले ठाकुर महाराज अब कानून की चैखट पर न्याय की फरियाद करते नजर आ रहे हैं वहीं ‘‘मीडिया गैंग’’ के कारनामों ने पत्रकारों में हड़कम्प मचा दिया है।
इससे पूर्व भी मीडिया गैंग के कारनामें समय- समय पर सामने आते रहे हैं ,और मामले भी दर्ज होते रहे हैं। लेकिन कानूनी शिकंजे से बचने में हर बार सफल रहे हें। बताते हैं कि पूर्व में डाॅ. मनीष बंसल द्वारा 5 लाख की चौथ वसूली का मामला दर्ज कराया गया ,तो मीडिया संगठन के मुखिया पत्रकार पर भी यौन शोषण का मामल एक छात्रा द्वारा दर्ज कराया गया। इसी तरह एक शिक्षिक द्वारा महिला पत्रकार सहित अन्य के खिलाफ भी 10 लाख की चौथ वसूली का मामला दर्ज कराया गया। इसके अलावा जनपद के विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज किये गये। लेकिन प्रशासन ‘मीडिया गैंग’ के किसी भी सरगना को जेल नहीं भेज सका।जिससे चौथ वसूली का खेल कभी नही थम सका, सूत्र बताते हैं ष्मीडिया गैंगश् के ये सदस्य पुलिस- प्रशासन के लिए भी मुखबरी और दलाली में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं,जिससे ये बेखौप होकर कारनामों को अंजाम देते हैं,एक बार फिर देखना होगा कि मीडिया गैंग पर प्रशासन शिकंजा कसने में सफल साबित होता है या फिर उन्हें आजाद रखकर कारनामों अंजाम देने में मददगार साबित होता है।
देवकीनन्दन ठाकुर के आश्रम प्रबंधक से महिला द्वारा फ्लैट की मांग किये जाने के ऑडियो…
भागवता चार्य प्रकरण में चौथ वसूली के खेल का अन्दाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक ऑडियो में नामजद महिला खबर रोकने के बदले 30-40 लाख के 3 बीएचके का फ्लैट अपने और उनके पति के नाम कराने एवं तीन लाख की नगदी स्वयं को देने की मांग कर रही है। इसी तरह के अन्य ऑडियो-वीडियो में भी चैकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। जिन्हें दोनों ही पक्ष सामने लाने से अभी कतरा रहे हैं, सूत्र बताते हैं कि एक अन्य वीडियो में ठाकुर जी के भाई ‘‘गुरू’’ जी के कारनामों की चर्चा करते नजर आ रहे हैं। जबकि अन्य ऑडियो-वीडियो में काट-पीट कर अपने-अपने बचाव के प्रयास किये जा रहे हैं। इस सम्बंध में आरोपी पत्रकार पी.के. आर्य के मोबाइल पर श्बिषबाणष् द्वारा कई बार सम्पर्क किया गया लेकिन कॉल रिसीव नहीं किया गया।