द्वारिकाधीश मन्दिर की सम्पत्ति हड़पने पर 6 के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज

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मथुरा। विश्व प्रसिद्ध ठा. द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा की फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों-अरबों की सम्पत्ति हड़पने एवं बेचने के आरोप में सेठ विजय कुमार जैन सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ वृन्दावन कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

वादी ज्ञानेन्द्र भगवानदास सेठ पुत्र स्व. गोपाल दास सेठ हाल निवासी 18 सिद्ध विनायक बिल्डिंग वैल्यूसकर रोड नॉर्थ शिवाजी पार्क मुम्बई महाराष्ट्र ने एसएसपी के आदेश पर वृन्दावन कोतवाली में दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि उनके पूर्वज सेठ मनीराम, सेठ लक्ष्मीचन्द, सेठ राधा किशन, सेठ गोविन्द दास, सेठ रघुनाथ दास, राज लक्ष्मण दास, सेठ द्वारिका दास, सेठ दामोदर दास, सेठ गोपालदास, सेठ मथुरा दास,सेठ भगवान दास, विमला देवी, कमुदनी देवी आदि मन्दिर श्री द्वारिकाधीश महाराज मथुरा सहित उनकी अन्य सम्पत्ति के मालिक थे। इस सम्पत्ति की वसीयत जिसमें सोने, चांदी के गहने हीरे, जवाहरात आदि भी शामिल थे, की डीड सेठ गोविन्द दास द्वारा 16 मई 1873 को गोस्वामी गिरधरलाल महाराज निवासी काकरौली करौली राजस्थान के पक्ष में लिखी गई थी। जिसमें लिखा गया कि मन्दिर की सम्पत्ति के मालिक वही लोग होंगे जो वैष्णव धर्म को मानने वाले होंगे और मन्दिर की सम्पत्ति को ना तो बेचा जायेगा और ना ही खुर्द-बुर्द किया जायेगा।

रिपोर्ट में आरोप है कि ठा. द्वारिकाधीश मन्दिर की सम्पत्ति जो वृन्दावन के राजपुर बांगर में बगीची के नाम से खसरा नम्बर 219, 644, 650 एवं 670 की जमीन को हड़पने के लिये गोस्वामी बृजेश कुमार पुत्र बृजभूषण लाल महाराज निवासी काकरौली, सेठ विजय कुमार जैन पुत्र सेठ स्व. भगवानदास, सुधेन्दु प्रकाश गौतम पुत्र सत्य प्रकाश गौतम आदि ने षडयंत्र कर उक्त सम्पत्ति को हड़पने के उद्देश्य से आपस में साठ-गांठ कर गोस्वामी बृजेश कुमार द्वारा सुधेन्दु प्रकाश गौतम को अपना पावर ऑफ अटार्नी बताया। जिसमें सुधेन्दु प्रकाश ने उक्त जमीन को हड़पने के लिये द्वारावती रियायशी कॉलोनी का निर्माण कर सम्पत्ति को बेच दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि मन्दिर की सम्पत्ति की कूट रचना कर राजीव अग्रवाल पुत्र डॉ. बांके बिहारी अग्रवाल, निवासी बल्देव पुरी कॉलौनी महोली रोड मथुरा को पार्टनर बना दिया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है षडयंत्र के तहत बृजेश कुमार महाराज ने अपने ही एमओयू बनाकर एक डीड लिखकर उक्त जमीन को बेचने और विकसित करने के लिये अधिकार दे दिया। रिपोर्ट में सेठ विजय कुमार ने षडयंत्र के तहत अनुचित लाभ लेकर गलत समझौता कर सुधेन्दु प्रकाश एवं गोस्वामी बृजेश गौतम को दे दिया। जिसकी फर्जी कर रचना की गई। जिसके तहत राजीव अग्रवाल को पार्टनर बनाया गया। जिसके बाद राजीव अग्रवाल ने राज कुमार पुत्र चतुर साल निवासी सुन्दरवन कॉलौनी बालाजी पुरम मथुरा को पावर ऑफ अटार्नी होल्डर बनाया। सभी आरोपियों ने फर्जी तरीके से मन्दिर की जमीन के बैनामे कर दिये। मन्दिर की बेची गई सम्पत्ति से अर्जित राशि को मन्दिर के खाते में जमा ना करके स्वयं हड़प गये।

फर्जी दस्तावेज तैयार मन्दिर द्वारिकाधीश मथुरा की करोड़ों-अरबों की सम्पत्ति हड़पने के आरोप में गोस्वामी बृजेश कुमार काकरौली राजस्थान, सेठ विजय कुमार जैन, सुधेन्दु प्रकाश गौतम, राजीव अग्रवाल, राज कुमार एवं अन्य अज्ञात के विरूद्ध आपीसी की धारा 420, 467, 468, 467, 406, के तहत वृन्दावन कोतवाली में मुकद्मा दर्ज कराया गया है। बताया जाता है कि 23 नवम्बर 2021 को जैन मन्दिर मथुरा में घोटाला किये जाने पर सेठ विजय कुमार जैन के विरूद्ध मुकद्मा दर्ज हो चुका है। मुकद्मा दर्ज होने के बाद आरोपियों में हड़कम्प मचा हुआ है।