
मथुरा। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ तथा जिला न्यायाधीश मथुरा यशवंत कुमार मिश्र के निर्देशानुसार आज 10 अगस्त को जिला कारागार मथुरा का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सोनिका वर्मा द्वारा की गई।
सर्वप्रथम जिला कारागार मथुरा में स्थित महिला बैरक में महिला बंदियों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के संबंध में बताया गया कि जिला कारागार में निरूद्ध होने के दौरान उनके क्या-क्या अधिकार व कर्तव्य हैं। महिला बंदियों को अपील के अधिकार के बारे में भी बताया गया। कोविड-19 से बचने हेतु मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग व सोशल डिस्टेंस का पालन करने हेतु निर्देशित किया गया।
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ द्वारा कोविड-19 के लक्षण, प्रसार, बचाव, संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल, उनके स्वास्थ्य की जांच, टीकाकरण आदि के संबंध में तैयार की गई ई-पुस्तक कोविड-19 के संबंध में बताया गया। कोविड-19 के संक्रमण के दौरान बच्चों की देखभाल, गर्भवती महिलाओं हेतु सतर्कता, ब्लैक फंगस व व्हाइट फंगस से ग्रसित व्यक्ति के लिए दिशानिर्देश, कोविड-19 हेल्पलाइन नंबर आदि के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया गया। सभी महिला बंदियों को वैक्सीन लग चुकी है।
जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि वर्तमान में महिला बैरक में 74 महिला बंदी विभिन्न प्रकरणों में निरुद्ध हैं। कोविड-19 के दृष्टिगत सभी महिला बंदियों द्वारा मास्क का प्रयोग किया जा रहा है। महिला बंदियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके व्यक्तिगत अथवा सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं। महिला बैरक में उनके परिवारीजन व अधिवक्ता से बात करने हेतु पीसीओ की सुविधा दी गई है। खाने पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया। महिला बैरक में साफ-सफाई पाई गई। महिला बंदियों के साथ 7 बच्चे रह रहे हैं।

जिला कारागार चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इस चिकित्सालय में 55 बंदी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। सभी बंदी मरीजों से व्यक्तिगत वार्ता की गई। सभी के स्वास्थ्य व इलाज के बारे में चिकित्सक डॉ उपेंद्र सोलंकी से जानकारी ली गई। चिकित्सालय में बंदी मरीजों के मनोरंजन हेतु एक टीवी लगी है जो कि निरीक्षण दौरान बंद थी। स्वच्छ पानी हेतु एक आरओ लगा है। चिकित्सक द्वारा बताया गया कि मानसिक रूप से अस्वस्थ बंदी मरीजों के इलाज हेतु मानसिक चिकित्सालय आगरा से डॉक्टर अनिल गौड़ उपस्थित होते थे जो कि अब नहीं आ रहे हैं। वर्तमान में जिला कारागार, मथुरा में 20 बंदी मानसिक रूप से पीड़ित हैं, जिनके इलाज हेतु एक मनोचिकित्सक की अति आवश्यकता है।
बच्चा बैरक के निरीक्षण दौरान पाया कि इस बैरक में 18 वर्ष से 21 वर्ष तक के कुल 52 बंदी निरूद्ध है, जिनमें से 48 बंदी निरीक्षण दौरान उपस्थित होना बताया गया। सभी के व्यक्तिगत अथवा सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं। इस बैरक में मनोरंजन हेतु टीवी तथा एक म्यूजिक सिस्टम लगा हुआ है। पीसीओ की सुविधा भी बंदियो हेतु दी गई है। जिला कारागार मथुरा में स्थापित दंत चिकित्सालय, सिलाई प्रशिक्षण केंद्र तथा हथकरघा केंद्र का भी निरीक्षण किया गया। डिप्टी जेलर संदीप कुमार ने बताया कि जिला कारागार में 1737 बंदी निरूद्ध हैं।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा सोनिका वर्मा ने जेलर एवं बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय एवं केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना हम सब का कर्तव्य है और सर्व हित के लिए मास्क व सैनिटाइजर का और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। समय-समय पर हाथ धोते रहें।
इस अवसर पर जिला कारागार अधीक्षक बृजेश कुमार, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. उपेंद्र सोलंकी, जेलर महाप्रकाश सिंह, डिप्टी जेलर संदीप कुमार व अनूप कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त जेल विजिटर अरशद हुसैन रिजवी एडवोकेट आदि उपस्थित रहे।