मथुरा। किसानों की सुरक्षा और गौवंश की सुरक्षा के नाम पर तमाम संगठन अपने उल्लू सीधे करने में लगे हुए हैं। धरना प्रदर्शन के नाम पर पुलिस और प्रशासन को दबाव में लिया जा रहा है। ताकि दबाव में लेकर अपने उचित-अनुचित काम कराए जा सकें। ऐसा ही एक ताजा मामला मथुरा में सामने आया है। मथुरा के नौहझील में एक किसान नेता द्वारा इन दिनों धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। वैसे तो यह धरना प्रदर्शन खेती के लिए खतरा बन चुके गौवंश से खेती को बचाने और गौवंश की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है लेकिन आरोप यह भी हैं कि इसकी आड़ में वह पुलिस और प्रशासन को अपनी ताकत का एहसास करा कर अपने काम कराना चाहते हैं।
मथुरा के नौहझील के बाजना इंटर कालेज बाजना (मोरकी) में किसान नेता रामबाबू कटैलिया द्वारा 16 जनवरी से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। धरना में उनके साथ सैकड़ों किसान शामिल हो रहे हैं। धरना प्रदर्शन पांच मांगों को लेकर शुरु किया गया है। इनमें प्रमुख मांग गौवंश से खेती की सुरक्षा और गौवंश की रक्षा है। साथ ही फसलों के समर्थन मूल्य को लेकर स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू कराने, किसानों को बिना ब्याज का लोन देने, जनपद में बिगड़ी कानून व्यवस्था और विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार को समाप्त करने की मांगे भी शामिल हैं। रामबाबू कटैलिया को मनाने के लिए 16 जनवरी से ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं लेकिन उन्होंने अपनी मांगें पूरी न होने तक धरना खत्म न करने का ऐलान किया है। शुक्रवार को भी एडीएम प्रशासन, एसडीएम मांट, सीओ मांट, सीओ छाता, तहसीलदार, एक्सईएन सहित अन्य अधिकारी भी बाजना इंटर कालेज बाजना पहुंचे लेकिन वार्ता विफल रही। रामबाबू कटैलिया का कहना है कि 20 जनवरी तक उनकी मांगे मान ली जाती हैं तो 20 को शहीद दिवस मनाए जाने के बाद धरना समाप्त कर दिया जाएगा। यदि प्रशासन किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाता है तो 21 जनवरी से भूख हड़ताल आरंभ कर दी जाएगी। इसकी सूचना भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी गई है।
वहीं दूसरी ओर रामबाबू कटैलिया पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि वह यह धरना प्रदर्शन कर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी ताकत दिखाकर दबाव में लेना चाह रहे हैं ताकि अपने उचित-अनुचित काम कराए जा सकें। बाजना इंटर कालेज के पूर्व प्रबंधक रामस्वरुप चौधरी कहते हैं कि रामबाबू कटैलिया अपने निजी स्वार्थां को पूरा करने के लिए रामबाबू कटैलिया आंदोलनों का सहारा लेते रहे हैं। यह निर्दोष लोगों को जेल भिजवाते हैं और आपराधिक तत्वों को संरक्षण देते हैं। उनके आंदोलन में किसानों की अपेक्षा असामाजिक तत्वों की भागीदारी अधिक रहती है। आंदोलन के नाम पर अराजकता पैदा कर क्षेत्र का विकास ठप कर दिया है। शासन प्रशासन को क्षेत्र की शांति व्यवस्था के लिए सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। क्षेत्रीय नागरिक सीताराम बताते हैं कि रामबाबू कटैलिया के परिजनों पर एससी-एसटी एक्ट, पास्को, मारपीट सहित अन्य संगीन धाराओं के मुकदमे थाना नौहझील में दर्ज कराए गए थे। आंदोलन के माध्यम से पुलिस पर दबाव बनाकर फाइनल रिपोर्ट भी लगवा ली गई थी। इससे पीड़ित पक्ष ने मथुरा न्यायालय की मदद ली। कोर्ट ने कटैलिया के परिजनों को तलब किया है। मेरे ऊपर हत्या का झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया। इसमें तीन अन्य लोगों को भी शामिल किया गया लेकिन पुलिस विवेचना में तीन लोगों को क्लीन चिट मिल गई। अब इन्हीं तीन लोगों को पुनः फंसाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है। जबकि आंदोलन कर रहे किसान नेता रामबाबू कटैलिया ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्व उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसमें वह कभी भी सफल नहीं होंगे। उन पर आरोप लगाने वाले लोग स्वयं आपराधिक छवि के लोग हैं। उनका कहना है कि पुलिस-प्रशासन द्वारा उन्हें दबाने के लिए साजिश के तहत झूठे मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं।
धारा 144 होने के बाद भी धरना
एसडीएम मांट द्वारा मांट तहसील क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी थी। इसके बाद भी बिना अनुमति के ही रामबाबू कटैलिया ने बाजना इंटर कालेज बाजना में धरना शुरु किया लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उन पर कार्यवाही करने के बजाय उनकी मान मनौव्वल करने में लगे हैं। इस संबंध में सीओ मांट जगवीर सिंह चौहान ने बताया कि किसानों की समस्याओं को देखते हुए उन्हें कुछ रियायत दी गई है। उन्होंने आंदोलन की आड़ में पुलिस पर दबाव बनाने के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि आंदोलन के नाम पर किसी भी व्यक्ति की नाजायज मांग स्वीकार नहीं की जाएगी। यदि क्षेत्र में आंदोलन के कारण अशांति फैलाने का प्रयास किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।