मथुरा/वृन्दावन। तीन लोक न्यारी कान्हा की नगरी में एक बार फिर भगवाधारी सन्त एवं उसके शिष्यों ने धर्म का पाठ पढ़ाकर जहां अपनों के िवश्वास का खून कर लाखों करोड़ों की ठगी कर ली बल्कि परिवार की अस्मत को भी लूटने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी, जब भगवाधारी बाबा के कारनामें पुलिस तक पहुंचे तो वह शिष्यों सहित फरारा हो गया। जिसे अब कई राज्यों की पुलिस तलाशने में जुटी है।
एक तरफ कोरोना संकट के चलते आम जन मानस त्रस्त हैं वहीं दूसरी तरफ कहीं भगवाधारी सन्तों की हत्याओं को लेकर शेष व्याप्त है तो कहीं कथावाचक मोरारी बापू की कृष्ण के प्रति की टिप्पड़ियों को लेकर बृजवासियों में असन्तोष नजर आ रहा है। लेकिन धर्म की नगरी में एक भगवाधारी सन्त के काले कारनामों ने सन्तों की छवि को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। कहा तो ये भी जाता है कि धर्म के नाम पर धन्धा होता है लेकिन भगवारंग में रंगे सुदर्शन दास महाराज ने अपने शिष्यों के साथ ठगी की ऐसी लीलाऐं रचीं कि सैकड़ों लोगों के साथ अब उसे वृन्दावन सहित कई राज्यों की पुलिस तलाश रही है।
मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी कथित भगवाधारी सन्त सुदर्शनदास महाराज ने दो वर्ष पूर्व परिक्रमा मार्ग स्थित एक मकान लेकर उसे आश्रम का रूप देकर आधा दर्जन से अधिक युवाओं के साथ आस-पास के लोगों से नजदीकियां बढ़ाना शुरू कर दिया जिसमें किसी को सरकारी नौकरी, तबादला, जमीन दिलाने के नाम पर फंसाना शुरू कर दिया। बल्कि नजदीकी के चलते मोबाइल फोन से पैसे निकालने का खेल भी चालाकी से खेलाता रहा। इसका खुलासा तब हुआ जब श्यामधाम काॅलौनी आनन्द वाटिका मोड़ वृन्दावन निवासी गौरीशंकर दुबे पुत्र स्व. राम गुलाल दुबे को अपने बैंक खाते से यूपी आई के माध्यम से 9 अगस्त 2019 से लेकर 2 मई 2020 तक 7 लाख की राशि महाराज और उसके शिष्यों को धोखाधड़ी से निकालने की जानकारी हुई। खाते से पैसे निकलने की जानकारी होते हुई तो परिवार के होश उड़ गये ओर उन्होंने अन्य खातों की जांच पड़ताल की तो गौरीशंकर दुबे के बेटे रजनीश दुबे के छत्तीसगढ़ में खुले बैंक खातों से भी चार लाख की राशि उड़ा दी गई।
बैंक खातों से 11 लाख की राशि उड़ाये जाने का खुलासा होते ही पहले तो कथित सन्त और उसके शिष्यों ने हिन्दूवादी संगठनों का भय दिखाकर पीड़ित परिवार को ही जेल भिजवाने की धमकी दी। लेकिन जब मामला जोर पकड़ने लगा तो बाबा अपने शिष्यों के साथ रातों-रात अपने तामझाम को समेटकर शिष्यों सहित फरार हो गया धोखाधड़ी एवं ठगी के शिकार हुए गौरीशंकर दुबे सुदर्शनदास उसके कथित शिष्य कार्तिक बाधवानी, शुभम पाण्डेय विपिन पाण्डेय, बलराम तिवारी, शिवेन्द्र उपाध्याय निवासीगण मेघश्याम प्रजापति का मकान गोपेश्वर धाम वृन्दावन के विरूद्ध धारा 420, 406, 66 डी के अन्तगर्त वृन्दावन कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
पुलिस अभी बाबा और उनके शिष्यों की कुण्डली खंगाल रही थी कि एक और ाममला रशियन महिला ने सुदर्शन दास सहित उनके शिष्यों के खिलाफ घर में घुसकर छेड़छाड़ करने, विरोध करने पर हमला करने आदि के आरेाप में धारा 147, 354, 452, 292, 506 के अन्तगर्त कोतवाली में दर्ज कराया गया।

जानकार सूत्रों का कहना है कि फरार सुदर्शन दास महाराज अपने को हिन्दूवादी संगठनों के साथ-साथ केन्द्र एवं प्रदेश सरकार से नजदीकी बताकर अपना प्रभाव बनाता था। अपने आप को अयोध्या के प्रमुख सन्त का शिष्य एवं पत्रकार गाकेरी लंकेश का हत्यारा बनकर तथा फरार दर्शाकर भय पैदा करता रहा। पीड़ितों का कहना है कि सुदर्शन दास ने अपने शिष्यों के माध्यम से सस्तीकार बाइक, टीवी, एसी, लैपटाॅप उपलब्ध कराने के नाम पर भी सैकड़ों लोगों से करोडऋों की ठगी की जा चुकी है जो धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है पुलिस का ठग एवं काम लीला रचने वाली मण्डली को गिरफ्तारी में जुटी हुई है। जिसे शीघ्र गिरफ्तार करने का दावा किया जा रहा है। देखना होगा कि पीड़ितों को न्याय मिल पाता है या नहीं। अब देखना होगा कि अपनी उंची पहुंच का दावा करने वाला यह कथित सन्त कानून के शिकंजे से बच निकलने में सफल होता है या नहीं।