

गुब्बारे में रंग भर वोटर उबो बीच बाजार
हर कोई पूछे कैसो है बोलो सोच विचार
गुब्बारों फेंकू तो पप्पू को पता लगेगो
रंग मेरो अनमोल बरस पाच न उतरेगो
उंगली की पिचकारी मे है वोटन को रंग
ईवीएम पर चढ़ेगो तो भारत रहेगो
दंग
भारत रहेगो दंग खेलेंगे अजब ही होली
आस्तीन के सांपन को अबके मारेंगे गोली
सपने में होली खेले माया संग अखलेश
नींद उड़ा दी बीच में करी प्रियंका क्लेश
करी प्रियंका क्लेश बुआ भतीजा
रोए
योगी मोदी दिखे रात भर फिर न सोए

स्वारथ के उड़त गुलाल,
यार इस होली में।
सब डोलें गलाने दाल,
यार इस होली में।
जाति धर्म की ले पिचकारी,
नेता जी ने ऐसी मारी,
खींच ली सबकी खाल,
यार इस होली में।
तेरी चाय नहीं मुझको भाती,
मैं यू पी का तू गुजराती,
तेरी चाय में भंग बिकराल,
यार इस होली में।
बुआ जी तुम रहो न क्वारी,
जैसे ही फूफा मिले तुम्हारी,
दूंगा भवरिया डाल,
यार इस होली में।
पप्पू के सर पर सेहरा धरादे,
मायावती से गठवन्धन करादे,
इस फूफा का करले खयाल,
यार इस होली में।
टुकड़े देश के यदि तू करेगी,
जैसा करेगी वैसा भरेगी,
ये हिन्द का है बंगाल,
यार इस होली में।
जब चुनाब की ढोलक बाजी देखा बजता चंग।
टिकट कटत ही नेताजी की होली भई बदरंग।
फौरन बाप बदल लिया है होली की मस्ती में
देख घिनौना रूप हमारे गिरिगिट हो गये दंग।
गुइंया किन संग खेले होरी
हाथनु में ले रंग घूमि रहीं देखो ब्रज की गोरी।
पिचकारी कान्हा भरि लाए राधा रंग कमोरी।
रसियन संग जब होरी खेली बात बिगड़ि गई मोरी।
मिठू को कानून बनो है कैसे करें बरजोरी।
सीमा पर भारी तनाव है नेतनु की कमजोरी
लट्ठ लटूरी आतंकित है मर्यादा झकझोरी
मुफ्तखोर और चोर मचा रहे आज शोर फिर से जो आया मोदी भूखे मर जायेंगे।
बीवियाँ करें रुदन पाई पाई जोड़ा धन मोदी ने निकाल लिया उसे न जिताएंगे।।
जन धन खाते वाले खोज रहे मारे मारे पंद्रह लाख जी अब कब तक आएंगे।
चाय वाले हैं नाराज छोड़ा क्यों हमारा साथ अबके चुनाव में तो चैकीदार छाएंगे।।
नेता जी अब जा रहे देखो हर घर द्वार
पांच वर्ष दीखे नहीं पुनः लिया अवतार
जोगीरा सारा रारारा जोगीरा सा रारारा रा
आम हुए है खास सब , खास हुए है आम
नेता महलों में सोएंगे तंबू में श्री राम
जोगीरा सारा रारारा जोगीरा सा रारारा रा
पांच वर्ष तुम कर लिए नेता जी आराम
समय चुनावी आ गया थोड़ा करलो काम
जोगीरा सारारारा जोगीरा सारारारा
दानी ऐसे हो रहे जैसे दानी कर्ण
अब तो राशन बट रहा फिर होगा चीर हरण
जोगीरा सारा रारारा जोगीरा सा रारारा रा

एसी घरों में रहने वाले,
धूल फांकेंगे अब देखना ।
निर्धन की कुटिया पर जाकर,
भीख मांगेंगे अब देखना ।।
उतर कर कार से नेता जी
छुएंगे पांव उनके देखना ।
बिना जूतों के धूल सने भी,
हों फटे पांव जिनके देखना ।।
गांव-गांव घूमेंगे दर-दर,
मदारी बनके तुम देखना ।
नफरत भले दिल, रंग लगाएं,
उर भी मिलाएंगे देखना ।।
पानी की रख दी मांग तुमने,
रम तुम्हें पकड़ाएंगे देखना ।
जीतने के बाद गिरगिट के,
रंग भी दिखाएंगे देखना ।।
इस होली के रंग को गहरा,
बनाने आएँगे तुम देखना ।
चुनावी रंग में भी तुमको,
डुबाने आएंगे अब देखना ।।
रंगों में भंग घोली है
जूतामार ठिठोली है
आओ मिलकर हम भी खेले
राजनीति की होली है
हेन्डपम्प है हरे रंग में
साइकिल का रंग है लाल
नीले रंग में हाथी देखो
केसर कमल गुलाल
अन्दर से सब घाघ बड़े हैं
बैसे सूरत भोली है
आओ मिलकर हम भी खेले राजनीत की होली है।।
रंग बिरंगी शान हो गये, होली में ।
नंगई की पहचान हो गये, होली में ।
जब छलका कर हमने सौ सौ जाम पिए,
सरकारी मेहमान हो गये, होली में ।
पियक्कड़ों के ताज हो गए होली में ।
मंहगी वाली प्याज हो गए होली में ।
एक तो हम वैसे ही नीले काले थे,
अब तो कोढ़ में खाज हो गये होली में ।
रंगों की हर बात निराली होली में ।
छोड़ शराफत हुए मवाली होली में ।
नशा इस कदर होली का हम पे छाया,
साली को समझे घरवाली होली में ।
मैं अपने मन की करता हूँ होली में ।
तिरछी नजरों से डरता हूँ होली में ।
जोरू का चमचा न कोई मुझको समझे,
बीवी का पानी भरता हूँ होली में ।
